Monday, September 11, 2017

2 घंटे में 508 KM का सफर तय करेगी ये ट्रेन, समंदर के नीचे से होगा रास्ता


मोदी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट माने जाने वाले देश के पहले बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का 14 सितंबर को आगाज होने जा रहा है. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि 14 सितंबर को अहमदाबाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे देश के पहले बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की आधारशिला रखेंगे. उन्होंने बताया कि बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को निर्धारित समय से 1 साल पहले ही 2022 में पूरा किए जाने की रेलवे पूरी कोशिश करेगा.
2 घंटे में तय होगा 508 किलोमीटर का सफर
रेल मंत्री ने कहा कि बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट हमारी सरकार की प्राथमिकता है. हम अपने वादे के मुताबिक इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए जोर-शोर से लगे हुए हैं. उन्होंने कहा कि ये प्रधानमंत्री मोदी का सपना है. उनकी मेहनत है, जिसकी वजह से जापान से हमें बहुत ही मामूली ब्याज दर पर इतना बड़ा ऋण मिला है. रेल मंत्री ने कहा कि जापान की तकनीक पर बनाई जा रही बुलेट ट्रेन देश में रोजगार के नए अवसर पैदा करेगी और इसी के साथ देश में विकास की और ज्यादा संभावनाएं पैदा होंगी. अहमदाबाद और मुंबई के बीच 508 किलोमीटर का सफर लोग महज 2 घंटे में पूरा कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि इस रूट पर चलने वाली बुलेट ट्रेन का किराया क्या होगा यह अभी तय नहीं किया गया है.
प्रोजेक्ट के लिए जरूरी जमीन का अधिग्रहण शुरू
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा अहमदाबाद और मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन का ट्रैक ज्यादातर जगहों पर एलिवेटेड होगा. इसका 7 किलोमीटर का हिस्सा समंदर के नीचे से होकर गुजरेगा. इस प्रोजेक्ट के लिए जरूरी जमीन का अधिग्रहण शुरू हो गया है. इसमें कोई अड़चन नहीं है. पीयूष गोयल ने कहा कि बुलेट ट्रेन की तकनीक पूरे देश में ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में एक नई क्रांति ला देगी. उन्होंने यह भी कहा कि जापान से जो कर्ज मिल रहा है, उसकी ब्याज दर बहुत ही कम है और इसको 50 साल के बाद वापस किया जाना है. लिहाजा भारत के लिए इससे अच्छी डील हो ही नहीं सकती है.
बुलेट ट्रेन का रिकॉर्ड जीरो एक्सीडेंट
रेल मंत्री ने पटरी से बार-बार उतर रही रेलगाड़ियों की घटनाओं के बीच बुलेट ट्रेन को सुरक्षित बताते हुए कहा कि इस यह तकनीक कितनी सुरक्षित है इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जापान की बुलेट ट्रेन का रिकॉर्ड जीरो एक्सीडेंट का है. गौरतलब है कि मोदी सरकार बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को एक बड़ी पहचान के रूप में पेश करना चाहती है. सरकार को लगता है कि जिस तरह से दिल्ली मेट्रो ने पूरे देश में पहचान बनाई है और उसके बाद देश में जगह-जगह मेट्रो प्रोजेक्ट शुरू हुए कुछ इसी तर्ज पर अहमदाबाद मुंबई बुलेट ट्रेन पूरे देश में अपनी पहचान बनाएगी. इस रूट पर बुलेट ट्रेन के सफल होते ही देश के अन्य इलाकों में भी इसी तरह की ट्रेन चलाने की मुहिम शुरू हो जाएगी. बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए सबसे पहले ट्रेनिंग सेंटर का निर्माण किया जाना है. ऐसे ही इंस्टीट्यूट का उद्घाटन 14 सितंबर को किया जा रहा है.
बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट से मेक इन इंडिया को मिलेगा बढ़ावा
बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि बुलेट ट्रेन के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. यह काम संबंधित राज्य सरकारें कर रही हैं. वैसे भी पूरा का पूरा प्रोजेक्ट एलिवेटेड है, लिहाजा बहुत ज्यादा जमीन का अधिग्रहण नहीं होना है. अनुमान है कि पूरे प्रोजेक्ट के लिए महज 825 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा. अहमदाबाद और मुंबई के लिए पहली बुलेट ट्रेन जापान से आयातित होगी और उसके बाद की ट्रेनें भारत में ही बनाई जाएंगी. इसका सीधा मतलब यह हुआ कि बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के तहत मेक इन इंडिया को बढ़ावा दिया जाएगा. साथ ही बुलेट ट्रेन की तकनीक का ट्रांसफर भी भारत को किया जाएगा.

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