Monday, September 11, 2017

14 फर्जी बाबाओं की सूची में से एक बाबा ने अखाड़ा परिषद के अध्‍यक्ष को भेजा नोटिस

14 फर्जी बाबाओं की सूची में से एक बाबा ने अखाड़ा परिषद के अध्‍यक्ष को भेजा नोटिस



जिस देश में न मालूम कितने लोग अपने को भगवान घोषित कर चुके हैं, अगर वहां असली और नकली बाबाओं की शिनाख्‍त शरू हो तो यह तो होना ही था.
लखनऊ: 14 फर्जी बाबाओं की सूची जारी करने वाले अखाड़ा परिषद के अध्‍यक्ष नरेन्द्र गिरि को फर्जी घोषि‍त एक बाबा ने कानूनी नोटिस भेज दिया है. कुछ और भेजने की तैयारी में हैं. फर्जी घोषित बाबाओं के अर्द्धकुंभ में आने पर रोक लग सकती है. अखाड़ा परिषद मंगलवार को मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ को फर्जी बाबाओं की सूची सौंपेगा. 2015 के नासिक कुंभ में राधे मां को रोका जा चुका है. अखाड़ा परिषद देश में साधु-संतों की सबसे बड़ी संस्‍था है.

जिस देश में न मालूम कितने लोग अपने को भगवान घोषित कर चुके हैं, अगर वहां असली और नकली बाबाओं की शिनाख्‍त शरू हो तो यह तो होना ही था.
अखाड़ा परिषद ने इलाहाबाद की जिस सिद्धेश्‍वरी गुप्‍त महापीठ के महंत कुश मुनि को इतवार को फर्जी बाबा घोषित किया था, आज उन्‍होंने परिषद के अध्‍यक्ष नरेंद्र गिरी को कानूनी नोटिस भेज दिया. कुश मुनि की वकील ज्‍योति गिरी ने नरेंद्र गिरी को लिखा है कि, आपने निराधार तथ्‍यों के आधार पर मेरे मुवक्किल आचार्य कुश मुनि को फर्जी बाबाओं की सूची में रखा है, ऐसा आपने मेरे मुवक्किल से बदला लेने के लिए किया है. यदि आप उनका नाम उस सूची से नहीं हटाते हैं तो आपके ऊपर क्‍यों न मानहानि‍ का मुकदमा किया जाए?

फर्जी करार दिए गए सिद्देश्‍वरी गुप्‍त महापीठ के महंत कुश मुनि ने NDTV से कहा कि, 'मैं नरेंद्र गिरी के कहने से फर्जी नहीं हो जाउंगा. वो देख लें कि उनके अखाड़ों के कितने महंतों पर आपराधिक मुकदमें चल रहे हैं. खुद नरेंद्र गिरी की छवि कोई अच्‍छी नहीं है. मैंने उनको नोटिस भेज दिया है. मैं इनसे न्‍यायालय में निपटूंगा.'

फर्जी घोषित किए गए दूसरे बाबा बृहस्‍पति गिरी ने बरेली में NDTV से कहा कि, 'कौन सिद्ध पुरुष है और कौन नहीं, ये नापने का आखाड़ा परिषद के पास क्‍या पैमाना है? हमको निकालने वाले या हमको फर्जी बाबा कहने वाले वो कौन होते हैं. ना तो उन्‍होंने हमें बाबा बनाया ना ही हमारा उनसे कोई वास्‍ता रहा. फिर वो हमें साधु होने या ना होने का सर्टिफिकेट कैसे दे सकते हैं.'

अखाड़ा परिषद के अध्‍यक्ष नरेंद्र गिरी पर लोग शराब व्‍यापारी सचिन दत्त को महामंडलेश्‍वर बनाने पर भी उंगलियां उठाते रहे हैं. दिल्‍ली में एक डिस्‍कोथेक और पब चलाने वाले सचिन दत्ता को 2015 में अखाड़ा परिषद के अध्‍यक्ष नरेंद्र गिरी की मौजूदगी में दीक्षा दे कर महामंडलेश्‍वर बनाया गया. तब उन पर हेलीकॉप्‍टर से फूल बरसे थे. अखाड़ा परिषद ने बाद में अपनी भूल सुधार ली. अब उनका नाम भी फर्जी बाबाओं में शामिल है. अखाड़ा परिषद के लोग इस लिस्‍ट को इलाहाबाद के कमिश्‍नर और डीएम को देकर मांग कर चुके हैं कि फर्जी घोषित बाबाओं को कुंभ में आश्रम यश अखाड़ा बानो के लिए ना ही जमीन दी जाय और ना ही उन्‍हें कोई सरकारी सुविधा मिले.

इलाहाबाद के डीएम संजय कुमार ने NDTV से कहा, 'अखाड़ा परिषद ने अपना ज्ञापन हमें सौंपा है. वे मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ से भी मिल रहे हैं. ऊपर के लेवर पर बातचीत के बाद अगर ऐसा समझा गया कि उन्‍हें 2019 में होने वाले अर्धकुंभ में जमीन और सहूलियतें नहीं देनी हैं तो यह तय हो जाएगा.'

लेकिन अखाड़ा परिषद अब कदम पीछे खींचने को तैयार नहीं. उसका कहना है कि एक महीने बाद फर्जी बाबाओं की दूसरी सूची आएगी. फिर किश्‍तों में पूरे देश के सारे फर्जी बाबाओें का पर्दाफाश होगा.
परिषद के अध्‍यक्ष नरेंद्र गिरी ने कहा, 'ये तो हमारा संकल्‍प है कि हम देश के सभी फर्जी बाबाओं का पर्दाफाश करेंगे. हम अपने संकल्‍प से पीछे नहीं हटेंगे. इसे करने में 3-4 साल भले लगें लेकिन ये काम हो कर रहेगा.'

2 घंटे में 508 KM का सफर तय करेगी ये ट्रेन, समंदर के नीचे से होगा रास्ता


मोदी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट माने जाने वाले देश के पहले बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का 14 सितंबर को आगाज होने जा रहा है. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि 14 सितंबर को अहमदाबाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे देश के पहले बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की आधारशिला रखेंगे. उन्होंने बताया कि बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को निर्धारित समय से 1 साल पहले ही 2022 में पूरा किए जाने की रेलवे पूरी कोशिश करेगा.
2 घंटे में तय होगा 508 किलोमीटर का सफर
रेल मंत्री ने कहा कि बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट हमारी सरकार की प्राथमिकता है. हम अपने वादे के मुताबिक इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए जोर-शोर से लगे हुए हैं. उन्होंने कहा कि ये प्रधानमंत्री मोदी का सपना है. उनकी मेहनत है, जिसकी वजह से जापान से हमें बहुत ही मामूली ब्याज दर पर इतना बड़ा ऋण मिला है. रेल मंत्री ने कहा कि जापान की तकनीक पर बनाई जा रही बुलेट ट्रेन देश में रोजगार के नए अवसर पैदा करेगी और इसी के साथ देश में विकास की और ज्यादा संभावनाएं पैदा होंगी. अहमदाबाद और मुंबई के बीच 508 किलोमीटर का सफर लोग महज 2 घंटे में पूरा कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि इस रूट पर चलने वाली बुलेट ट्रेन का किराया क्या होगा यह अभी तय नहीं किया गया है.
प्रोजेक्ट के लिए जरूरी जमीन का अधिग्रहण शुरू
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा अहमदाबाद और मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन का ट्रैक ज्यादातर जगहों पर एलिवेटेड होगा. इसका 7 किलोमीटर का हिस्सा समंदर के नीचे से होकर गुजरेगा. इस प्रोजेक्ट के लिए जरूरी जमीन का अधिग्रहण शुरू हो गया है. इसमें कोई अड़चन नहीं है. पीयूष गोयल ने कहा कि बुलेट ट्रेन की तकनीक पूरे देश में ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में एक नई क्रांति ला देगी. उन्होंने यह भी कहा कि जापान से जो कर्ज मिल रहा है, उसकी ब्याज दर बहुत ही कम है और इसको 50 साल के बाद वापस किया जाना है. लिहाजा भारत के लिए इससे अच्छी डील हो ही नहीं सकती है.
बुलेट ट्रेन का रिकॉर्ड जीरो एक्सीडेंट
रेल मंत्री ने पटरी से बार-बार उतर रही रेलगाड़ियों की घटनाओं के बीच बुलेट ट्रेन को सुरक्षित बताते हुए कहा कि इस यह तकनीक कितनी सुरक्षित है इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जापान की बुलेट ट्रेन का रिकॉर्ड जीरो एक्सीडेंट का है. गौरतलब है कि मोदी सरकार बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को एक बड़ी पहचान के रूप में पेश करना चाहती है. सरकार को लगता है कि जिस तरह से दिल्ली मेट्रो ने पूरे देश में पहचान बनाई है और उसके बाद देश में जगह-जगह मेट्रो प्रोजेक्ट शुरू हुए कुछ इसी तर्ज पर अहमदाबाद मुंबई बुलेट ट्रेन पूरे देश में अपनी पहचान बनाएगी. इस रूट पर बुलेट ट्रेन के सफल होते ही देश के अन्य इलाकों में भी इसी तरह की ट्रेन चलाने की मुहिम शुरू हो जाएगी. बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए सबसे पहले ट्रेनिंग सेंटर का निर्माण किया जाना है. ऐसे ही इंस्टीट्यूट का उद्घाटन 14 सितंबर को किया जा रहा है.
बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट से मेक इन इंडिया को मिलेगा बढ़ावा
बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि बुलेट ट्रेन के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. यह काम संबंधित राज्य सरकारें कर रही हैं. वैसे भी पूरा का पूरा प्रोजेक्ट एलिवेटेड है, लिहाजा बहुत ज्यादा जमीन का अधिग्रहण नहीं होना है. अनुमान है कि पूरे प्रोजेक्ट के लिए महज 825 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा. अहमदाबाद और मुंबई के लिए पहली बुलेट ट्रेन जापान से आयातित होगी और उसके बाद की ट्रेनें भारत में ही बनाई जाएंगी. इसका सीधा मतलब यह हुआ कि बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के तहत मेक इन इंडिया को बढ़ावा दिया जाएगा. साथ ही बुलेट ट्रेन की तकनीक का ट्रांसफर भी भारत को किया जाएगा.